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रेल किराया बढ़ोत्तरी …….क्यों सहमी है सरकार?

AAKARSHAN
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मुझे यह समझ नहीं आता है कि भारत सरकार रेल का किराया न बढाकर क्या दिखाना चाहती है?क्या वह दिखाना चाहती है कि वह महंगाई बढ़ाने के विरुद्ध है ?अथवा वह जनता को राहत दिलाना चाहती है ?अगर जनता यह सोचती है कि यह उसके हित में है,तो यह भ्रम न पाले .सरकार जनता से किसी और तरीके से वसूल कर लेती है.हो सकता है कि उसे जनता के वोट न मिलने का डर हो या विरोधी दलों का डर हो.जिस सरकार का कृषि मंत्री यह कहता हो कि …..वह ज्योतिषी नहीं हैं कि बता दे महंगाई कब घटेगी ? प्रधान मंत्री यह कहता हो कि उसके पास …..जादू की छड़ी नहीं है की दिखा दे और महंगाई कम हो जाय…..वहां अवश्य ही कोई और कारण होगा. सरकार ऐसे अवसर की तलाश में है कि सांप भी मर जाय और लाठी भी न टूटे .वह इसका ठीकरा किसी और के सर फोड़ना चाहती है और उसे तलाश है ऐसे ही किसी सर की,न कि ज्योतिषी की या जादू की छड़ी की.
अतीत में जांय तो विगत दस वर्ष से अधिक समय से किराया तो नहीं बढ़ा है,लेकिन यात्रियों की मुश्किलें बढ़ी हैं.मांग की दुहाई देते हुए या राजनीतिक लाभ उठाने के लिए प्रत्येक रेल-बजट में ,पचासों नई रेल-गाड़ियों को चलाने की घोषणा कर दी जाती है.लेकिन उसमे यह नोट लगा दिया जाता है कि ……चलने की तिथि बाद में घोषित की जाएगी…..यह तिथि आने में सालों लग जाता है और कभी-कभी तो वह ….अतिथि …..हो जाती है ,जिसके आने की कोई निश्चित तिथि नहीं रहती.इसका कारण बताया जाता है …कोच की कमी ,बजट का न मिलना,आदि.और फिर वही मुश्किलें,वही ट्रेन में चढ़ने की मारा-मारी.कभी-कभी तो वास्तव में मार-पीट और सर -फुरौअल.पटरियों की सही देखभाल न होने से दुर्घटनाओं की बाढ़ .
प्लेटफार्मों पर सुविधाओं का अभाव.कल की ही बात है कि….भगवान सिंह नाम का युवक निजामुद्दीन स्टेशन पर प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच फंस गया और साधन के अभाव में या जिस भी कारण से हो,जीवन ही खो बैठा .
जनता को सुविधा चाहिए.जहाँ पेट्रोल,डीजल का दाम दो गुना बढ़ गया,बस या अन्य साधनों के दर दोगुने से अधिक हो गए हैं, उसके बाद भी धक्के खाने पड़ते हैं,ट्रेन में एसी कोच में प्रतीक्षा-सूची बढती जा रही हो,वहां ५% से १०% तक किराया बढ़ा देने से कोई विरोध नहीं होगा.लेकिन सुविधाओं को भी बढाया जाय.ट्रेनों में कोच की संख्या बढाई जाय,लम्बी दूरी के, सभी यात्रियों को गद्देदार सीट दी जाय,ताकि उन्हें भी यह पता चले कि भारतीय रेल उनकी भी संपत्ति है.ट्रेन में सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाय ताकि अकेली महिला भी विश्वास के साथ सुरक्षित यात्रा कर सके.जय हिंद! जय भारत!!

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